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Sunday, 25 February 2024

#VideOScripTTube : पहलवान की मानसिकता - भारत में बिग बॉस और खेल | हिंदी में प्रेरक पॉडकास्ट

#VideOScripTTube : {YouTube Technical Video Script Tips and Tricks Tutorial} ■ Wrestler’s Mindset - Big Boss & Sports in India | Motivational Podcast in Hindi

पहलवान की मानसिकता - भारत में बिग बॉस और खेल | हिंदी में प्रेरक पॉडकास्ट

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(00:00) बोलता हूं जब तक दुनिया वाले आपके सपने प हंस नहीं रहे ना तो समझ लो आपका सपना छोटा है और जिस पर जमाना हंसता है इतिहास वही रचता है और इतिहास ना पागलों में से कोई रचता है समझदार या बुद्धिजीवी तो बैठ के पढ़ते हैं इस दुनिया को उन्होंने बदला जिनको दुनिया की कुछ भी चीज करने के लायक नहीं समझती और मेरी मां मुझे कहती थी एक बात हमेशा की बात कह के सुलाती थी और उठती थी कि तू पहलवान बनेगा चैंपियन वो नहीं होता जो मेडल जीता है ट्रोफी जीता है फर्स्ट आता है चैंपियन वो होता है जो लगातार कोशिश करता है क्या मेहनत करी अपनी कम्युनिकेशन

(00:31) किसी देश की ताकत देखने में दो चीज उसकी देखो उसकी सेना और उसका स्पोर्ट्स और फिलहाल हमारा देश दोनों में अग्रणी है सेम फैसिलिटी चलती रही है ना तो आप मेरे से लिखवा के ले जाओ 2036 में जो भी बच्चे 10 12 साल के हैं ना हम 2036 ओलंपिक में टॉप 10 में होंगे क्या बात है हम सब लाइफ में बहुत कुछ करना चाहते हैं लेकिन बहुत बार खुद पर कॉन्फिडेंस नहीं आ रहा होता कई बार कंफ्यूजन होती हैं कई बार रास्ता क्लियर नहीं नजर आ रहा होता कि क्या करना है क्या नहीं करना हमारा आज का ये एपिसोड आपको मोटिवेट तो करेगा ही लेकिन साथ में आपको यह भी बताएगा कि कैसे एक सॉलिड बिलीफ

(01:07) बनाया जाता है कैसे एक स्टेप बाय स्टेप खुद पर काम किया जाता है कैसे आप जो चाह सकते हो वह पा सकते हो एक कमजोर सा लड़का जो बचपन में चल भी नहीं सकता था फश रूम भी उसको उठाकर लेकर जाते थे वो लड़का बचपन में सोचता है कि मुझे बड़े होकर ना रेसलर बनना है और जब वह बड़ा हुआ सिर्फ इंडिया का ही नहीं वर्ल्ड्स बेस्ट प्रोफेशनल रेस का अवार्ड उसको मिला हमारे आज के गेस्ट संग्राम सिंह जिन्होंने कई रेसलिंग चैंपियनशिप्स जीती कई अवार्ड्स उनको मिले कई बच्चों को उन्होंने अडॉप्ट किया बिग बॉस जैसे कई रियलिटी शोज में उन्होंने पार्टिसिपेट किया कितना कुछ है जो इस एक

(01:45) इंसान ने अपनी जिंदगी में किया है एक चीज जरूर कहूंगा कि इस पॉडकास्ट को देखने के बाद आप अपनी लाइफ में कभी यह नहीं बोलोगे कि मुझसे नहीं होगा संग्राम जी हमें पता चला कि जब आपका जन्म हुआ तब सिचुएशन थोड़ी ठीक नहीं थी तो क्या आप हमें बता सकते हैं कि आपका बचपन कैसा था और किस तरह के स्ट्रगल्स आपने फेस किए गुंजन जी वैसे अभी हम गुड़गांव में फिलहाल वैसे मेरा जन्म भी हरियाणा में हुआ था और काफी हंबल फैमिली में जब मैं तीन साढ़े तीन साल का था आई थिंक तो पैरों में दर्द स्टार्ट हो गया तो दर्द स्टार्ट हुआ पहले वो धीरे-धीरे टो तक आया फिर वो घुटने तक आया तो गांव

(02:29) में सब बोलते कि कीड़े हो गए हैं यहां दिखा लो वहां दिखा लो कभी इस डॉक्टर के जाएं कभी उस डॉक्टर के जाए फिर वो दर्द इतना फैल गया कि सारे जॉइंट में आ गया एक टाइम ऐसा था कि मैं अपने हाथ से एक गिलास पानी नहीं पी सकता था जैसे मैं लेट जाता और आखी खोल लेता था मगर उठने के लिए जब धूप निकलती ना तब तब जाक बॉडी में थोड़ा मूवमेंट होता था सर्दियों में तो बहुत मुश्किल था जैसे जो भी सीजन चल रहा है तो फिर घर वालों ने थोड़े पैसे इकट्ठे किए सारा सब वो किया तो एक अच्छे अस्पताल में लेकर गए हॉस्पिटल में दिल्ली तो क्या एज थी आपकी इस वक्त उस उस वक्त था मैं सात

(03:14) साढ़े साल का अच्छा तो इधर दिखाया उधर दिखाया सब एक्सपेरिमेंट ही कर रहे थे और मैं काफी हंबल फैमिली से था तो मेरी माता जीी मुझे गोद में उठा के लेके जाते थे उनके पास पैसे नहीं होते थे 2 किलोमीटर 3 किलोमीटर जब मैं 10 11 साल का था तब तक तो वो डॉक्टर ने ही बोला कि हालांकि मैं उस हॉस्पिटल का नाम नहीं लूंगा डॉक्टर ने बोला कि यह बीमारी ठीक नहीं होती इस बच्चे को बाहर बैठा दो 99.

(03:38) 9 पर क्योंकि वो रूमेटिक अर्थराइटिस था उसका लास्ट स्टेज ओके तो 99.9 पर ये बीमारी डेथ के साथ जाती है और मुश्किल से ये छ महीने जिंदा रहेगा ओके तो इसके ऊपर आप इतनी मेहनत मत करो मेरी मां ने हार नहीं मानी वो दिन में ना मुझे 10 बार मसाज करती थी कभी तिल के तेल से कभी मस्टर्ड ऑयल से कभी देसी घी से कभी आयुर्वेदिक ओयल से और मैंने भी हार नहीं मानी जैसा हम सोच सते बन जाते तो मुझे आज भी याद है कि मैंने गांव में मिट्टी कुश्ती देखी ऐसे दंगल देखा पहलवानों को थोड़ा दूध मिल रहा घी मिल रहा थोड़े पैसे मिल रहे तो मैं दोस्तों को बोला लेके चलो क्योंकि इ इतने पैसे होते कि व्हीलचेयर ये

(04:13) सब अफोर्ड करें एक चारपाई पे रहता था और नेचर कोल के लिए भी जब मतलब बाहर ही जाते थे नॉर्मल उसके सहारे या आप लकड़ी के सहारे चलते थे या फिर धूप निकल जाए थोड़ा-थोड़ा ऐसे लंगड़ा लंगड़ा के आप चलते थे तो मैंने वहां कुश्ती देखी मैंने सोचा काश यार में ही पहलवान होता क्योंकि क्या था कि उस टाइम क्रिकेट का बेट आता था 30 40 का यह बैडमिंटन टेनिस ई तो खेल होते नहीं थे लंगोट आता था ₹ का त का कभी मां ने सील दिया कभी बहन ने सील दिया और एक पहलवान की रेसलर की जितनी इज्जत है ना इधर तो थोड़ी मतलब ज्यादा है बाकी के मुकाबले तो मैंने

(04:52) सोचा काश यार मैं एक पहलवान होता और उस दिन उस दंगल में झगड़ा हो गया किसी का मतलब कुश्ती हो रही थी उनको दूध मिल रहा घी मिल रहा पैसे मिल रहे तो तो मैं सोच रहा था काश यार मैं भी होता फिर कोई मुझे लेके आया एक उठा के और मुझे पूरे रास्ते सुनाते आया कि टांग है नहीं रेस में नाम लिखा रहे हो अपने घर पर रहो कहां कहां कुश्ती देखने आ गए यार कहां ये सब वो सब और आपको ना इस जिंदगी में सबसे ज्यादा वो मारते हैं जो कहते हैं ना आई एम दे फॉर यू आपके रिश्तेदार जो आपके जो खास बनने का वो करते हैं वो बोलते थे भैया दो दो भाई हैं मेरे बड़े भाई साहब हैं कि भैया घर में ये

(05:26) तो ऐसे ही है ये तो मतलब लड़का ऐसे ही हो गया जिसको बोलते हैं ना हम फिजिकल डिसेबल हो गया या अपाइज बोल देते हैं या बाकी चीज बोलते हैं कैसे ये ट्रांसफॉर्मेशन कैसे बताता हूं आपको तो वो करना स्टार्ट किया फिर मैंने गिलास पानी का उठाना स्टार्ट किया फिर डिब्बा उठाना स्टार्ट किया एक बाल्टी उठाना स्टार्ट किया जो इंसान फिजिकल थोड़ा सा भी वीक होता है डिसेबल होता है ना उसको आम इंसान के मुकाबले तीन गुना ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है मुझे आज भी याद है कि मैं अखाड़े के उधर कभी पहुच जा जाता दोस्तों के बोलता लेके चलो तो मैं पीछे से

(06:03) देखता था क्या कर रहे हैं सब मिट्टी में कैसे वो कर रहे हैं एक ने एक बार मुझे पुश कर दिया तो फ्रैक्चर हो गया शोल्डर में मतलब कमजोर बहुत था फिर धीरे-धीरे फिर मुझे एक एक एक लेडी मिली उसने मुझे बोला कि मेरे बेटे को सेम प्रॉब्लम थी तो आप उनसे मिलो डॉक्टर से मिलो दूसरे से मिलो एक डॉक्टर होते थे डॉक्टर यादव यहां पे तो उसने दवाई दी दवाई दी तो ऐसा लगता कि व थोड़ा ठीक हो गया मगर फिर वैसा ही हो जाता तो फिर यह हार्डकोर नेचुरल पद्धति से योगा से प्राणायाम से नेचुरोपैथी से मेरी मां की मेहनत से और मेरे सेल्फ बिलीव से मैं ठीक हुआ और मैं कह रहा हूं कि ना ठीक

(06:46) हुआ एक एक टाइम ऐसा था कि मैं एक कदम चलता था थक जाता था खड़ा नहीं हो सकता था बहुत कमजोर था फिर आज मेरा स्टेमिना मेरी चीज जो मेरी ताकत है अब अब मैं फिर से रेसलिंग वापसी कर रहा हूं कई साल बाद तो मैं ढेर सारे बच्चों से मिलता हूं जो 20 साल के 30 साल के वो कहते हैं जी इंजरी हो गई और हमने तो यह कर लिया और वह कर लिया और यह कर दिया उम्र और यह सारी चीज है ना एक नंबर है मेरा य मानना है कि अगर आपका लक्ष्य बड़ा है ना तो फिर आलोचना विवेचना प्रशंसा कोई महत्व ही नहीं रखता उसका अगर लक्ष्य सही है ना तो फिर किस चीज का महत्व नहीं रहता और मैं तो एक

(07:27) बात हमेशा बोलता हूं जब तक दुनिया वाले आपके सपने पर हस नहीं रहना तो समझ लो आपका सपना छोटा है और जिस परे जमाना हसता है इतिहास वही रचता है और इतिहास ना पागलों में से कोई रचता है समझदार या बुद्धिजीवी तो बैठ के पढ़ते हैं क्योंकि वो तो ढेर सारी नुक्स निकालते और इस दुनिया को ना पता किसने बदला है इस दुनिया को उन्होंने बदला जिनको दुनिया की कुछ भी चीज करने के लायक नहीं समझते जैसे आपने बताया कि उस टाइम पे एक डिसेबिलिटी वाली चीज गांव में सब देख रहे थे उसको एक बच्चा जो कि सात आठ साल का है उसको कहा जा रहा तू कहां अखाड़े की बात कर रहा है कुश्ती की बात कर रहा है

(08:01) वो रिजेक्शन उसको मिल रही है उस टाइम पर उस बच्चे का यह ट्रांजीशन कैसे हुआ कि मुझे यह करना है क्योंकि 202 में तो फिर समझ आ सकता है किताब पढ़ ली किसी को सुन लिया लेकिन उस टाइम पर जब नेगेटिव सलाह दे रहे थे तब आपने सोचा कि नहीं मुझे तो कुश्ती में जाना है रेसलर बनना है वो थॉट मैं इसलिए पूछ रहा हूं कि बहुत सारे लोग जो इस पॉडकास्ट को देख रहे हैं वो किसी ना किसी चीज से लड़ रहे हैं उनको भी रिजेक्शंस मिल रही है तो आपकी जर्नी से उनको गाइडेंस मिलेगी ये कहते हैं अगर आपका लक्ष्य सही है ना तो आप को आसपास की छोटी चीजें दिखाई नहीं देंगी हो क्या रहा है

(08:32) डिफिकल्टी चलती रही कोई फर्क नहीं पड़ता तो मुझे आसपास का वो दिख रहा था कि भाई मेरा खुद का बड़ा भाई था वो बड़े भाई साहब व वो रेसलिंग करते थे जिनको मैं जानता था वो रेसलिंग करते थे दंगल होता था मुझे वो दूध दिख रहा था घी दिख रहा था थोड़े पैसे दिख रहे थे क्योंकि मैं उस फैमिली से आया हूं कि पैरों में जूते नहीं होते थे बस का किरा नहीं होता था 2030 किलोमीटर पैदल चलते थे जब ठीक होने के बाद भी जैसे सर्दी है तो एक सेंडो बनियान रहते जैसे जब अनाज निकलता था तब एक जोड़ी शूज नहीं होते थे टेनिस वाले आते थे वो सफेद या खाकी कलर के

(09:07) आते थे तो वह सब मिलते थे तो स सराउंडिंग माहौल ऐसा था कि मैं उस चीज के लिए पागल था मुझे कुछ दिखता नहीं था मैं सपने लेता था सोता था आखे बंद होती थी सोचता था कि मैं पहलवान बन गया हूं और मेरी मां मुझे कहती थी एक बात हमेशा की बात कह के सुलाती थी और उठती थी कि तू पहलवान बनेगा बड़ा बनेगा तो फिर जब वो सारी चीज देखी ना देखो इस दुनिया में पता क्या है अगर इंसान कोई बनाएगा नहीं तो बिगाड़े ग या तो उसको बनाने दो या बिगाड़ने दो अब जो सेकंड वर्ल्ड वॉर हुआ हम हिटलर को दोष देते हैं मगर हिटलर को दोष नहीं था क्योंकि उसके मात हिटलर पेंटर बनना चाहता

(09:45) था आर्टिस्ट उसकी माता-पिता ने करने नहीं दिया तो करने नहीं दिया तो कुछ तो काम करेगा ना वो व डिफरेंट उसका वो घूम गया मैंने कोशिश की मैं फेल हुआ फिर कोशिश की फिर से फेल हुआ फिर से कोशिश की फिर फेल हुआ मगर बेहतर फेल हुआ हम हम जो उसका फेल का जो था नाना वह परसेंटेज इतना था फिर कोशिश की फिर पास हुआ मगर मैं पास हुआ ना तब मैं इतना खुश नहीं था जो वह प्रोसेस था ना आज तक कोई माउंट एवरेस्ट पर चढ़ता है आप किसी का भी इंटरव्यू पढ़ लो सबको पता है क्या कगा कि आपने कहां व किया जो जर्नी को बहुत एंजॉय किया बल्कि वो जर्नी ऐसी है

(10:19) जहां पे आप ना टॉयलेट कर सकते ढंग से ना खा सकते ना और कुछ हो सकता मगर प्रोसेस एंजॉय उसी का है तो जिंदगी में जब भी टफ टाइम आ रहा है ना कुछ चीज आ तो समझ लो भैया यह आपकी गाड़ी घूम रही है चेंज हो रही है और वो चेंज होने के लिए वो होना पड़ता है इसीलिए जिंदगी में जो रिजेक्शन है जो असफलता है वो झेलनी चाहिए एक सोना जब खान से निकलता है ना बहुत खराब सा होता है जब वो तपता है ना भट्टी में और उसको जब जो सुनार उसको करता है तब जाके वो चैन अंगूठी सारी चीज बनती है जब तक जलेगा नहीं पता चलेगा नहीं तो जलना जरूरी है बिल्कुल जरूरी है ये आपने बहुत इंपोर्टेंट बात

(10:58) बोली है कि जो भी जर्नी पर पहुंचता है जैसे आपने माउंट एवरेस्ट की एग्जांपल दी कि वहां पहुंचना एक मूवमेंट है लेकिन उसके पीछे जो हजारों मूवमेंट्स है वही हमें बना रही है वो विक्ट्री को तो वही बना रही है ना विक्ट्री के पीछे की जर्नी है तो वो हर मूवमेंट जब हम सीख रहे हैं जब हार नहीं मान रहे जब अपने पर काम कर रहे हैं जब लड़ रहे हैं उसको ही बंदा याद करेगा क्योंकि बनाया उसने सेलिब्रेशन तो एक मूमेंट की है आई थिंक स्पोर्ट्स में भी यही होता है कि जब मेडल मिलता है वो एक मूमेंट है लेकिन उस मेडल के पीछे कितनी रातें हैं कितनी

(11:24) इमोशंस है मैं सबको य बताना चाहता हूं कि कोई भी किसी फील्ड से पोर्ट से है चैंपियन वो नहीं होता जो मेडल जीता है ट्रोफी जीता है फर्स्ट आता है चैंपियन वो होता है जो लगातार कोशिश करता है चाहे आप स्पोर्ट्स में हो चाहि आप ट्रेनिंग में हो आप स्टडी में हो आप फिल्म में हो आप किसी में भी हो कोशिश करो प्रोसेस करो और मैं एक बात हमेशा बोलता हूं कि किसीने बोला सक्सेस क्या है हैप्पीनेस इज द हाईएस्ट फॉर्म ऑफ सक्सेस जो खुश है वो कामयाब है हर ताज सिर के लिए होता है मगर हर सिर ताज के लिए नहीं होता उसको बनाना पड़ पढ़ता है मेहनत से मशक्कत से संग्राम जी कोशिश तो बहुत

(12:03) लोग करते हैं जैसे आपने अपने टाइम में पूरी कोशिश करी आपने बताया कि आपका लक्ष्य बहुत क्लियर था आपने पूरी तरह अपने दिमाग से काम लिया आपने और लोगों की नहीं सुनी तो ऐसे तो और भी बहुत सारे बच्चे होते हैं जो इतने मोटिवेटेड होते हैं आई एम श्यर जब आप अखाड़े के लिए जाते थे तब वहां पर और भी बच्चे होते होंगे जिनका मन करता होगा ऐसे बनने का बड़ा बनने का कल को जीतने का पर सब तो ये सब नहीं अचीव कर पाते तो किस चीज की कमी रह जाती है आपको एक ट्यूबल लगाना है 100 फीट पानी है तो अगर आप एक एक फीट के 100 गड्ढे खोद दोगे पानी निकलेगा पानी तब

(12:35) निकलेगा जब आप 100 फीट का गड्ढा एक ज खो दोगे तो अगर आप समर्पण कर दोगे ना बिल्कुल समर्पण कर दोगे आपकी नियत सेय आप डेडिकेट हो मैं कह रहा हूं लिखवा के ले लो हार्ड वर्क के आगे सफलता जोड़ी खड़ी हो जाती है जहां से आप आए हो जो आपके रूट्स है वहां पर अब कैसा लोगों को फील होता है उनको बहुत गर्व फील होता होगा गांव वाले लोगों का कैसा रिस्पांस रहता है देख के कि हमारे गांव से कोई निकल कर इतनी आगे गया है देखिए मैं तो आज भी जीरो पे हूं मगर मैं गांव में जाता हूं अब आजकल के बच्चे हैं आजकल गांव चेंज हो गया है पहले मैं जाता था तो हर घर में

(13:10) दूध पीना पड़ता था अगर पीता ना बुरा मानते थे तो मैं चाहे भले ही वोमिटिंग करूं मगर दूध जरूर पीना पड़ता था उनके उसमें जाके आजकल रेयर हो गया है तो आजकल बच्चे मैं अखाड़े में जाता हूं तो ढेर सारे आ जाते हैं वो व सेल्फी रील ये करने वाले मैं उनको बोलता हूं एक्सरसाइज करो मगर जो पुराने हैं ना अब मैं सोचता हूं कि उनको तो अच्छा लगता है मगर आप याद रखो आप अपनों के लिए आप उनके सामने कभी बड़े हो ही नहीं सकते वो तो आपको वही गोचू समझेंगे वही समझेंगे जो घूमता था वही है उसी का मजा है उसी का मजा भी उसी का है मैं गांव में जाता हूं ना तो मैं सेम

(13:45) कुर्दा जामा पहनता हूं और एक साइकिल पहनता हूं शायद जो वो वो हमारे फादर साहब उ दज में मिलते हो उस टाइम पे और सीधी मैं उसी से जाता हूं मेरे से जो मिलने आते हैं जो ढेर सारे जैसे लड़के लड़कियां सिंगर हैं कोई दूसरा हो तीसरा हो गाड़ी लेके आते हैं कोई बाउंसर बाउंसर और ये सब लेके आते हैं और मैं ऐसा इंसान हूं कि मतलब सिंपल सा मतलब कहीं भी चला जाता हूं पहुंच जाता हूं ऐसे ही आप जहां भी मैं बहुत पॉजिटिव हूं कोई भी चीज होगी ना कोई उसमें कुछ देखेगा कोई कुछ देखेगा मैं उसमें देखूंगा कि इसके सकारात्मक पॉइंट क्या है ये पॉजिटिविटी

(14:13) क्या है कि इसमें से क्या चीज मैं ले सकता हूं एक आ रहा था वो सारे मेरे दोस्त कह रहे यार वो बहुत पका आता है यार यार वो पागल है यार कुछ भी बोलता है मैं देखता था वो पागल छोड़ दो जुनूनी है वो जो एक चीज सोचता है ना उसी पे अड़ंग रहता है तो मैंने कितना कमाल का आदमी है यार तो कोई भी कोई कोई समझना कोई गलत नहीं है सब अलग है ऐसी नेचर के पीछे ना कुछ एक्शन होते हैं जैसे कोई पॉजिटिव इतना हो तो उसने अपने ऊपर कोई तरीके से काम किया होता है यह किताबें हो सकती है यह बातें हो सकती है क्योंकि हमारा स्कूलिंग या हमारे आसपास माहौल तकरीबन ऐसा नहीं है कि कोई

(14:46) पॉजिटिव बने लोग नेगेटिव ज्यादा होते हैं तो आपने इस पर काम कैसे किया यह सोच डेवलप कैसे करी कि अब आपको जब सब किसी की बुराई कर रहे हो तो आप उसका जनून देख पा रहे हो यह नजरिया कैसे बिल्ड किया आपने इसके पीछे मेहनत और ए जाननी चाहूंगा मैं बातों की जगह ना वो इंसीडेंट के मैंने यह पकड़ा ये किया या समझा कई ऐसे बड़े-बड़े इंसान मिले जिससे मैंने सीखा स्टेप बाय स्टेप उनसे सीखते रहते हैं जैसे मैंने एक बाप का वीडियो देखा मैंने उससे सीखा कि बड़ी कमाल की बात की वो गुबारे वाला फिर एक दूसरा देखा तो क्या होता है जुनून होना चाहिए इंसान सीख सकता है घड़े आपने खाली रखे हुए

(15:22) हैं तो बस भरते रहते हो उनको एक कुए में कितना पानी होता है एक कुए में कितना पानी होता है बाल्टी डाल दो बाल्टी खड़ी रहेगी तो भरेगी नहीं बाल्टी को झुकना पड़ता है पहले मैंने ऐसे स्टार्ट किया कि मुझे नहीं होता था एक बच्चे से स्टार्ट किया ऐसे एक बच्ची थी वो चप्पल नहीं थे वो स्कूल में जा रही थी मैंने कहा इन दिनों में चप्पल नहीं गर्मी का महीना था बोले इसके माता-पिता जी एक्सीडेंट हो गया था मैंने कहा ओहो तो तब से ऐसे जरिया बनना स्टार्ट किया करता था परमात्मा मैं तो एक पोस्टमन चिट्ठी इधर से उधर कर देता हूं अब 165 बच्चों की फैमिली हो गई है कई मेरे

(15:55) गांव से भी दूसरे भी जिनका एजुकेशन का यूनिफॉर्म का जरिया बन जाता हूं और मैं मैं किसी को बोलता नहीं कि भ ये कर दो कर दो कोई बोलता है तो वहां कर दो कैसे एक रेसलर से एक्टर वाला सफर शुरू किया क्या किस रीजन से आप एक्टिंग की तरफ गए कैसे इंटरेस्ट आया क्या होता था जब मैं रेसलिंग करता था ना पैसे नहीं होते थे उस टाइम पे इतना और मैं बहुत पागल था एक बार मैं वर्ल्ड चैंपियनशिप खेलने गया हमारे कोच ने बोला था कि भाई ब्रह्मचार्य का पालन करना चाहिए बिल्कुल करना चाहि बड़ी अच्छी बात है एक रशियन रेसलर बैठा हुआ तीन उसकी बीवियां छह सात बच्चे घूम रहे मैंने कहा

(16:28) इस गंजे को उठा के मारूंगा मैं उसके बाल बाल उड़े हुए थे तो ठीक वो उसके साथ मेरी बाउट आ गई ये बात है हंगरी बुढ़ा पेस की 2005 की सीनियर वर्ल्ड रेसिंग चैंपियनशिप की तो उसने मुझे उठा के पता नहीं किस तरह मारा मेरा शोल्डर बिल्कुल ऐसे हो गया कि जैसे टूट गया ये नाक की हड्डी थोड़ी हो गई तो मैं हैरान था बैठ के फिर मैंने आके बोला कोच से मैं को साहब आप तो कह रहे थे ब्रह्मचार्य ना जी नौ बच्चे थे उसके और तीन बीवियां थी और देखो वो तो फर्स्ट आ गया वहां पे तो उसने बोला कि ब्रह्मचारी य पहली स्टेप है कि आप रहोगे आपका माइंड यहां

(17:07) रहेगा हमारे अनुसार दूसरा क्या है कि हौसला जीतता है हथियार नहीं आपको किस चीज के लिए अभ्यास करना पड़ता है तो मुझे पता चला कि रशिया में वर्ल्ड के बड़े रेसलर हैं तो अब मैं जनून नहीं था पागल था एक बाइक होती थी वो बेच दी आपसे पैसे ले लिए इनसे पैसे ले लिए एक दोस्त को बोला भेज दो इन्विटेशन वो वहां स्विटजरलैंड में था व वहां से रेस करता था व आया हुआ था और सिर्फ एक शब्द बोलना आता था इंडिया दूसरा शब्द नहीं आता ना इंग्लिश का ना हिंदी का हरियाणवी भाषा बोलते थे तो मैं जो तो करके वहां पहुंच गया ट्रेनिंग करने यहां पर मैं 96 केजी में इंडिया

(17:45) रिप्रेजेंट कर रहा हूं वहां पर देखता हूं कि 74 केजी का जूनियर का स्टेट का बच्चा मुझे उठा उठा के मार रहा है तो मैंने कहा डिफरेंस तो बहुत है ग्र स्टाइल में खेलता था उस टाइम प तो फिर कोई मैं होते ऐसे मिट्टी में कई देशों में जैसे इंडिया और पाकिस्तान बाकी के होता था हारने वाले को 40000 मिल गया जीतने वाले को 5 हज मिलता था आ कुश्तिया हो जाती थी तो मैंने सोचा यार चलो 40 हजार तो मिल जाएंगे कर लेते हैं वो लड़ने चला गया व लड़ने चला गया व फ्रैक्चर हो गया यहां पे इंजरी हो गई क्योंकि वो अखाड़ा उन्होने मिट्टी का पोल ल बना रखे

(18:24) थे वो लग गया अब एमएच रेसलिंग में रूल था कि एक मिनट तक ब्लीडिंग आपकी हो तो उसके बाद आप ये कर नहीं सकते और मैं तैयारी वहां से म स्ट्रांग हो गया था तीन चार महीने रहा वहां पे तो फिर उनके फोन आने लग गए सबके भैया पैसे कब दे रहे हो पैसे कब दे रहे हो फिर एक बार मैं सुशील योगेश्वर मैं दिल्ली पुलिस में था दिल्ली पुलिस अखाड़े से जाता था व दोनों स्टेडियम में रहते थे तो वही करते थे कोई रेसलिंग में शो बनाने वाले थे वहां आ गए अखाड़े में तो ये चले गए फिर दिल्ली पुलिस अखाड़े में आ गए हो तो कई पहलवान बोले कि भाई हम वहां चलेंगे

(18:59) तो हम उनसे मजाक कर रहे यार डब्ल्यूडब्ल्यूई बनाओगे यार ये बनाओगे वो बनाओगे तुम कहां की रेसलिंग करवाओ ग सबसे मजाक कर रहे तो उस टाइम पे और तो पहुंचे नहीं वहां पे नोए डाउन काव था मैं पहुंच गया मैंने देखा र इतने बड़े-बड़े रेसलर हैं इतना सब कुछ है तो उन्होंने को दिया तो मैं बाकी रेसलर में थोड़ा सा बातचीत करने में थोड़ा सा ठीक था उनसे तो उन्होंने मुझे उस शो का हीरो बनाया और एक एंड मल कंपनी होती थी वो मुझे अखाड़े से यहां से वो ले गए थे तो तब सैलरी होती थी छ सा 8000 तो एक बोला भैया सैलरी 25000 बोला 00 देंगे महीने के मुझे पता मैं सोचा चलो भया

(19:34) 00 देंगे पैसे के लिए चल पड़ते हैं तो पैसे के लिए वह मुंबई लेकर गए फिर साउथ अफ्रीका ले गए ट्रेनिंग करवाया मैं उसको उसम थकता नहीं था फिर देखा कि फटे या गिरना य भी मुश्किल काम है 2012 में उन्होंने मुझे वर्ल्ड का बेस्ट प्रोफेशन रेसल निकल गया मैं वहां से तो मेरे पीछे सारे टीवी वाले सब भागने लग गए मुझे त पता नहीं था तब त मैंने दो शो किए थे एक स वावर किया था एक दो शो किया था फिर मैंने घर खरीदा उधर वो बोले बिग बॉस एक शो है ऐसे ऐसे आ जाओ मैंने बिग बॉस ना कभी पहले देखा अपना नहीं देखा ना अपना बाद में देखा तो आप कदम रख दो आपको 4 लाख रप दे

(20:12) देंगे मतलब खाली एक दिन एक दिन भी अगर आप रह गए तो मैंने कहा ठीक है क्योंकि सर्वाइवर शो बहुत टफ शो था उसमें मतलब दो जोड़ी कपड़े वो एक्चुअली मतलब जैसे बाहर के जाता हू ना पता चलता सवा किया तो फ्रंट पे छापते हैं क्योंकि वो सवा बड़ी सीरीज है फिर तो मैं बिग बॉस में ऐसे गया तो सलमान खान साहब तो सुल्तान करने वाले थे तैयारी चल रही थी तो उनकी मेरी थोड़ी सी नॉर्मली रहती थी थोड़ी मतलब मस्ती या नॉर्मली तो पहुंचा और मैं उस टाइम मुझे कोई इतनी समझ थी नहीं जैसे कपड़े पड़े खरीदते हैं ना तो कपड़ों आज आज भी आज भी सिंपल ही पहनता हूं डिजाइनर के पहले दूसरी

(20:47) बात है तो अखाड़े के बाहर ढेरिया लगती थी जैसे निकर बनियान ये सारी चीजें तो 30 40 निकर खरीद ली 20 टीशर्ट खरीद ली तो ऐसे कपड़े मतलब ऐसे ही पहनते थे तो वो वहां जाक मुझे पता चला कि वो सारे जो दूसरे थे उनकी एक तो भाषा कम समझ में आती थी इंग्लिश उस टाइम बहुत कमजोर थी कमजोर तो आज भी मगर आज थोड़ा सा रूटीन में है तो उन्होने पूछा कि भाई आप किस लिए आए किस लिए सबका बत पूछ रहे थे ऐसे एकने बताया कि उसके इतने बिल्ला है इतना चल रहा है एकने बता वो इतनी फिल्में करने वाला था यह सारी चीज अब मैं सोचा यार ये सारे बड़े बड़े आदमी क्यों परेशान है मैंने कहा मैं घर

(21:25) खरीदा था ऐसे बोले इतने पैसे दे देंगे तो मैं ऐसे आ गया तो मुझे पता नहीं तो वो सारे हंसते तो मुझे पता चला कि दो लाख रप शर्ट भी आता वहां से पता चला कि चश्मे भी होते 30 4 हज के इतने सब कुछ के सारे वहां पर वो झगड़ा करते कैमरा के लिए रोमांस करते या बाकी चीजें करते मैं नॉर्मल रहता था मैं काउंट करता था कि भाई एक सप्ताह 5 लाख मिलते थे उस टाइम चलो 5 लाख हो गया 10 मैं देखता था रात को फिर वो जाते नहीं थे कि घर हंटेड है तो वो बोलते थे कि बाथरूम जाना है संग्राम भाई उठो ना मैंने कहा दिन में तुम यार रहने नहीं देते ते रात को तुम

(21:59) सोने देते तब उस टाइम शो की थोड़ी डिग्निटी थी मतलब जो मेरे टाइम प एक अरमान जी थे अरमान कोली तो एजाज था गोहर थी एली एनडी कुशाल तो मतलब एक शिल्पा युवराज सिंह की वाइफ भी थी बहुत स्वीट थी जल तो रतन देख लोट था तो और मैं उम अरमान जी को जानता अमान जी की मैंने नाग वाली फिल्म देखी थी सम रहे ना फिल्म कम देखी थी एक शिल्पा के साथ मैंने सवा किया था तो मेहर मान जी को बोला यार एक दिन बुराई कर रहा था मैं पहुंच गया मैंने पाजी यार मैंने तो आपकी एक नाग वाली फिल्म देख ी आप सच्ची के नाग हो यार तो मतलब जो धन नम तो वो पब्लिक को इतना आ गया कि उसका फाइनलिस्ट बनाऊ शो का

(22:43) और ऐसे टी वाले तो ऐसे मारती होते थे पूरा दिन ना पूरा दिन ये बटन प लगा देंगे और आपका क्लोज अप होता था पूरा दिन वो बटन ठीक करने प लगा देते थे कि बाजू का बटन खराब है खराब और क्लोज शट होता था तो मतलब मैं वो सीख नहीं पा रहा था कि एक्टिंग क्या मैं तो देखो जो काम मुझे बहुत मिलता था हर रोज कि इंसान ठीक है कि ये शो में आ जाओ उस शो में आ जाओ इसमें आ जाओ उसमें आ जाओ मैं सारे शो कर रहा था मैंने इंडिया के तकरीबन सारी रियालिटी शो की है ये डाइन विद वेलकम करो दूसरा करो तीसरा करो यह सब करो आपने वर्ल्ड लेवल पर फिटनेस करा है खेला है जीते भी हो तो

(23:22) नेशनल लेवल प और वर्ल्ड लेवल पे जो फिटनेस की रिक्वायरमेंट होती है उसमें मेन क्या फर्क है देखो आपको एक अच्छा खिलाड़ी बनने के लिए या एक अपना आइडल फिटनेस के लिए तीन चीजों का बैलेंस बहुत जरूरी है डाइट प्रैक्टिस रेस्ट अभी हमारे पास कमी पता क्या है कि हमारे पास फैसिलिटी सब कुछ है सारी चीज हो गई है और हम सही रास्ते प भी हैं किसी देश की ताकत देखने दो चीज उसकी देखो उसकी सेना और उसका स्पोर्ट्स और फिलहाल हमारा देश दोनों में अगर नहीं है सेम फैसिलिटी चलती रही ना तो आप मेरे से लिखवा के ले जाओ 2036 में जो भी बच्चे 10 12 साल के हैं ना

(23:57) हम 2036 ओलंपिक में टॉप 10 में होंगे क्या बात है और अभी है ना अभी अभी जो मेन जो हमारे पास जो कंसर्न है ना वो अच्छे साइकोलॉजिस्ट नहीं है ओके आपको टॉप फिटनेस या टॉप स्पोर्ट्स या किसी भी चीज में पहुंचने के लिए अच्छे साइकोलॉजिस्ट चाहिए साइकोलॉजिस्ट वो नहीं जो हार्डकोर डॉक्टर भी नहीं हो हार्डकोर स्पोर्ट्स पर्सन भी नहीं हो हार्डकोर वो इंसान हो जो जो मैच्योर हो समझदार हो मेंटल स्ट्रेंथ पे काम मेंटल स् और इसमें भी स्पोर्ट्स में वही है कि अगर अच्छे और मेंटर आए और उन बच्चों को सेल्फलेस होकर आगे करेंगे तो हमारे यहां पर पोटेंशियली कमी नहीं है ना

(24:34) टैलेंट की कमी है बस ब शर्त यह है कि अब 90 पर काम तो हो गया है अब 10 पर काम बाकी है जो ग्रास रूट पर और जाके उनको लेके आना क्योंकि देखो भरते हुए को सब भरते हैं खाली कम ही भरते हैं कई टैलेंट तो ऐसा है जो गांव में एक बेसिक जगह पहुंचने से पहले दम तोड़ देता है जब मेरा जब टाइम था मैचोर का मैं भी पागल था कोई समझाने वाला नहीं था मैंने बहुत गलतियां की है तो इसलिए मैं अ आजकल के बच्चों को समझाता हूं कि भैया मौका है ये टाइम है यह टाइम निकल गया ना फिर आएगा नहीं हाथ से फिर य 45 50 साल में जाओगे तब अनुभव करोगे अब भले ही वो हमें

(25:09) गलत समझेंगे मगर बाद में कहेंगे कि हम ठीक थे हम उनको सही गाइड कर रहे थे और भगत का और जगत का हमेशा बैर होता है आप अच्छी चीजें करोगे ना तो लोग आपके पीछे पड़ जाएंगे चाहे वो महर्षि दनन को देख लो जहर दे के मारा भगत सिंह साहब को देख लो जब भगत सिंह साहब असेंबली बम फेंका जेल में थे उनको सब आतंकवादी बोलते थे जो देश के बड़े-बड़े आदमी जो बाद में देश आजाद हुआ अपने देश में बड़े पदो थे वो आतंकवादी बोलते थे इवन जब उनको फांसी सजा हो रही थी तो कोई आदमी ने साइन भी नहीं किए तब भी बोलते थे टाइम देखो कितना बड़ा घूमता है भगत सिंह साहब चले गए फांसी टूट

(25:44) गई भले ही आज उनकी नोटो फोटो नहीं है मगर हिंदुस्तान का भारत और पाकिस्तान शायद कोई ऐसा कलेजा होआ जहां पर उसकी फोटो नहीं होगी गुरु गोविंद साब गुरु गोविंद साहब को जब उसने अ जिसने औरंगजेब औरंगजेब ने ज वो किया ना उनका बच्चों को और उनको सर कलम किया और ये सब किया तो एक दिन मुझे बात याद है जब मैं लाल किला इसके पास जा रहा था जो खुद बनाया था तो वहां पर गुरु गोविंद सिंह अजय जयकारा बोल रहा था जैसे बात कर रहे थे 2036 की रेसलिंग की या कैसे मेडल्स आप क्या फ्यूचर देखते हो क्योंकि एक थॉट रहता है मेरे माइंड में कि क्रिकेट जैसा स्पोर्ट को जैसे बहुत अटेंशन मिलती

(26:20) है धर्म की तरह है इंडिया में तो क्या रेसलिंग कबड्डी इनको क्यों उतनी इंपॉर्टेंस नहीं मिल रही इनको आगे लाया जा सकता है आजकल वैसे माहौल चेंज हो गया आजकल इंडिविजुअल स्टार भी है जैसे निरज ने मेडल जीता तो हम सब जानते हैं इवन ओलंपिक में जैसे जो लास्ट ओलंपिक था उसमें मीरा भाई ने बजरंग ने रवि ने इन सब ने मेडल जीते उनको हम जानते होकी टीम ने जीता उनको हम जानते हैं तो आजकल इंडिविजुअल स्टार भी आ गए हैं मगर वो क्या है कि क्रिकेट बहुत पुराना है पहले क्या होता था कि अंग्रेज अंग्रेजों ने चलाया हम अंग्रेज गुलाम थे वह शोट मारते रहते थे हमारे वाले से बाल

(27:00) उठा उठा लेते थे तो वह है ना हमारी रगों में बैठ गया खून में बैठ गया है जो वो गेम ऐसा हो गया कि अब मैंने अपने खेत में देखा मैं खेत में वैसे गांव में गया हुआ था एक जो कभी स्कूल में नहीं गया ना वो ऑस्ट्रेलिया अमेरिकन के ना इंग्लिश की कमेंट्री मुझे बता रहा था कि अब ये यह गली है ये ये चीज है तो मैं हैरान था कि इतना जुनून इस खेल के लिए ना तो इस खेल को पीछे कैसे हो सकता है ये यहां पे तो क्या है कि क्रिकेट का एक फाउंडेशन बहुत स्ट्रंग था फि डाल सा भाई उसने चेंज किया फिर ऐसे धीरे-धीरे हो गई बाकी अब आ रहे हैं अब थोड़े से और समझदार इंसान आएंगे ना जैसे अ

(27:38) सुशील ने क्या है कि स्पोर्ट्स को रेसलिंग को जिंदा किया था जब उनके 2008 में मेडल जीता था तो आए थे और इस रेसलिंग को फिर अखाड़े से फाइव स्टार में लेके गया था जब मैं शो करने लग गया सारी चीज करने लग गया वो सब हो गया वो लोग कोई पहचानते नहीं थे क्या है क्या वो रेसलर है भाई जो बिग बॉस में आया जो उस डांस के शो में आया जो उसमें आया आज भी तकरीबन वो कहते जिनको क्योंकि वो उनको उतना इंटरेस्ट होता है एक क्रिकेट के गेम बहुत होते हैं ब्रॉडकास्ट उनका बड़ा है उसका पीरियड बड़ा है उसका टाइम बड़ा है तो चलता रहता है बाकी थोड़ा सा व कम है मगर अभी इंडिविजुअली सब स्टार

(28:11) हो रहे हैं तो मैं यही कहूंगा कि जो भी किसी चीज का एंबेसडर वो थोड़ी होता है कि आप वो एंबेसडर हर वो इंसान है जो स्पोर्ट से जुड़ा हुआ है उसको एक सी तरीके से प्रमोट करेंगे तो वो भी आगे आएंगे वो भी देखेंगे बाकी एक अखबार वाले से मैंने पूछा कि यार आप का पेज भर देते हो आप हमारा इतना लिखते हो बोला नहीं आप गलत कह रहे हो जो पब्लिक जो खबर पढ़ना चाहती है हम वो लिखते हैं तो बोला कि अगर आप उसकी मेंटालिटी चेंज कर दो तो हो जाएगा मगर अब चेंज हो गया है अब बाकी स्पोर्ट्स को भी अटेंशन है सब जानते हैं कि ये रेसलर कौन है वो बॉक्सर कौन है या वो वेट लिफ्टर कौन

(28:48) है तो अब अब सर्कल घूम गया है तो धीरे-धीरे टाइम सही है और हम कोशिश करेंगे अब देखो मैं पिछले छ सात साल बाद प्रोफेशनल रेस्टिंग वापसी कर रहा हूं अब जिस दिन मैच खेलूंगा उस दिन मुझे पता 50 ट्रोल करेंगे उम्र थोड़ी होती है ये थोड़ी होता है ये सही ये गलत ये असली नकली मगर लाखों करोड़ों बच्चे इंस्पायर होंगे कि जब मैं खेल सकता हूं भैया तो इस उम्र में तो वो भी कर सकते हैं वो भी खेल सकते हैं आपका क्या कारण है वापसी का क्यों सोच रहे हो मैं वापसी का क्या था कि एक रेसलिंग ऐसा है कि पहलवान का पहले तो अर्थ बताता हूं मैंने पहल माने प्रथम आवान माने हर चीज

(29:23) में जो इंसान शारीरिक रूप से मानसिक रूप से अनुशासन रूप से प्रथम है वो पहलवान होता है मतलब फिजिकली मेंटली डिसिप्लिन फर्स्ट इज रेसलर ही और शी इज रेसलर मैंने सोचा कि ढेर सारी चीजें देखी कुश्ती रेसलिंग एक जेंटलमैन खेल है अब कुछ इक्का दुका कुछ थोड़े इंसीडेंट ऐसे हो गए कि कई मुझे बोलते थे कि भैया यह सब जैसे कई फिल्मों ने इमेज बनाई जैसे खोसला घोसला था बाकी और था रे दो पहलवानों को बुला लाओ यह कर दो वो कर दो तो मैं यही चाहता हूं कि मैं जब खेलूंगा कि भैया जेंटलमैन गेम था है और रहेगा हम हम तो इसीलिए मैं वापसी कर रहा हूं हार जीत ये मैटर ही नहीं करती कि

(30:03) कौन हारे कौन जीते कौन क्या करे कौन ये करे जब मैं खेलूंगा वो पूरे जब वर्ल्ड वाइड लाइव होगा जो बच्चा देखेगा आजकल सोशल मीडिया जमाना है पहले हमें भी नहीं पता था सोशल मीडिया के कि क्या होता है क्या नहीं होता है अब आजकल भले ही वो टीवी पे उसपे ना देखे तो सोशल मीडिया प देखेंगे तो फिर यह फिर से इस गेम के लिए मेरा यहां आने का मतलब यही है कि अब बच्चे कहीं ना कि भैया उनको जैसे सचिन बनना विराट कोहली बनना में जाना इसमें जाना तो कहेंगे मुझे रेसलर बनना है रेसलिंग में जाना है फिर से इसको करें और ये इतना खूबसूरत खेल है कि इसमें

(30:35) कोई भी सिखाने के पैसे नहीं लेता हां जूनियर सीनियर की इज्जत करते हैं हम तो गलतियां तो हम भी करते हैं हमने बहुत गलतियां की आज भी गलतियां करते हैं मगर क्या है कि टाइम रह जाता है तो भैया ठीक है उसकी माफी मांग लो या चीजें कर लो अब मुझे मौका मिल रहा है अब मेरी फिल्म आ रही है तो मैं उनसे रिक्वेस्ट कि एक मैंने फिल्म की थी बहुत खूबसूरत उड़ान जिंदगी की क्योंकि हमारे सीएम साहब ने बोला यार यहां यहां पे बदमाशी बहुत चलती है या गाने नशे के कर रहे हैं आपको कुछ यूथ के लिए कुछ अच्छा करना चाहिए कब आ रही है आपकी मूवी मैंने उसे गुजारी रिक्वेस्ट किया था कि वो

(31:06) कि भैया अब इसको आप मार्च अप्रैल में रिलीज करो उसका फर्स्ट लुक तो मैंने शेयर किया था हमने तो भी कह रहे थे या वो किसी ओटीटी से डील करेंगे प्रोड्यूसर या वो थिएटर में रिलीज करेंगे वो उनके ऊपर है बाकी फिल्म बहुत खूबसूरत है अभी हम रेसलिंग के कम बैक की बात कर रहे थे तो अभी इस वक्त जो रेसलिंग में प्रोटेस्ट चल रहा है इसके बारे में आपका क्या थॉट है देखो जो मैंने पहले ही बोला जैसे रेसलिंग में जो प्रोटेस्ट चल रहा है यह सारे छोटे बहन भाई है जब मैं मैचोर में एक्टिव था तो छोटे थे और मैं रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का पहला ब्रांड एंबेसडर था एक टाइम पर

(31:38) 201415 में तो मैंने बृज भूषण जी के साथ भी काम किया तो अब मैं मेरे एंगल से देखता हूं तो दोनों दोनों मतलब मेरे साथ में दोनों ठीक थे मगर ज मॉल स्टेशन वाला सब देखता हूं जुडिशरी में है और जो सही फैसला होगा वो देगा मगर मैं यही कह सकता हूं कि कोई गलत नहीं है टाइम का होता है मगर मैं ये चाहता हूं कि जल्दी से सब कुछ खत्म हो जाए ताकि रेसलिंग फिर से एक ये सब आए क्योंकि इनकी बहुत उम्र है बहुत टाइम है अभी सबके पास ये खेले देश के लिए फिर सम्मान जीते फिर सारी चीजें हो और जैसे कोई भी कुछ करता है तो चाहे वो प्रोटेस्ट है या बाकी चीजें

(32:19) हैं दूसरी चीजें तो इंसान परेशान होता है कई बार तब करता है कई बार दूसरे वाले को लगता है कि मैं ठीक हूं उनको लगता है कि मैं ठीक हूं और अभी फिलहाल में इन सब से थोड़ा दूर हूं क्योंकि मैं थोड़ा बिजी हूं तो मुझे एक्चुअली सच्चाई नहीं पता कि कौन कितना सही है गलत है मगर मैं यही उम्मीद करूंगा कि इंजस्टिस बिल्कुल ना हो बिल्कुल सही मिले और जब कोई भी बैठा होता ना तो तीसरा बाहर का यानी नेता बेता कोई आके अपनी रोटियां सेक लेते हैं वो वो अपनी राजनीति कर जाते हैं तो मैंने वही गुजारिश किया था सबसे कि भैया ये मैटर शांत हो जाए ये नॉर्मली हो ताकि यह सब इंस्पिरेशन है

(32:52) नए बच्चे भी इनसे सीखे और आगे जाए और सब करें और मैं तो एक बात सोचता हूं हमेशा सबको को एक बात बोलता हूं कि सरकारें आएंगी सरकारें जाएंगी देश तो हमेशा रहेगा ना पहला मां तो मतलब धरती मां है देश हमारा बिलकुल तो वही चीज होना चाहिए जब मैं आपके बारे में रिसर्च कर रहा था तो एक चीज मैंने देखी थी कि जब आप एक्टिंग में गए या शोज करे तो शायद उससे पहले आप कम्युनिकेशन में मानते थे कि इतने स्ट्रांग नहीं हो और आप आपने अपनी कम्युनिकेशन प काम किया ऐसा था कुछ मैं ढंग से बोल नहीं सकता था क्योंकि जब अर्थराइटिस मुझे हुआ था ना एक वो स्टेज थी

(33:24) कि मेरे टंग से भी एक राल टपकती थी कुछ वो तो मैंने उसके लिए बहुत मेहनत की अब भी अगर मैं चार पांच दिन अगर मैं ढंग से नहीं पढ़ूं या सब नहीं करूं तो अब भी मैं मतलब ऐसा लगता है कि मैं कहीं लेक हूं अब बहुत बिजी हूं जैसे सुबह से रात तक तो कम कर पाता हूं तो पहले बोलते थे मुझे बड़े बड़े रिनाउंड कास्टिंग डायरेक्टर कई यार इसकी तो यार आवाज खराब है यह सब है अब मैंने जो मेरी कमजोरी थी ना मैंने उसी को ताकत बना लिया अब मुझे रिक्वेस्ट करते यार एक सेशन तो कर दो यार एक चीजें तो कर दो तो उसके लिए मेहनत करता रहा आवाज देनी होती है

(33:58) पहले मैं सोचता था कि बच्चन साहब है बच्चन साहब की मैं कई बार सुनता था कि वो करें दो तीन साल से मैं और बच्चन साहब एक ब्रांड के ब्रांड एंबेसडर है या उससे उससे पहले भी एक ब्रांड के साथ जुड़े थे उसके भी ब्रांड एंबेसडर थे कुछ कोइंसिडेंट ऐसा ऐसा मतलब ऐसा बन रहा था तो क्या है कि मेहनत से हर चीज आप कर सकते हो क्या मेहनत करी अपनी कम्युनिकेशन प काम करने के लिए मैंने उसके लिए पढ़ना स्टार्ट किया क्योंकि मेरी इंग्लिश इतनी अच्छी है नहीं मैं इंग्लिश पढ़ने लग गया हिंदी पढ़ने लग गया फिर मैं पेंसिल रख के पढ़ने लग गया कि जिससे मेरी

(34:30) ये आवाज और क्लियर हो जाए फिर मैंने एक जो आपका टीटी आप खेलते हो ना किसी ने मुझे सलाह दिया मैं इसकी बोल रख के पढ़ने लग गया पांच पांच मिनट भले ही आवाज कम निकले मगर ये आवाज को उठाने के लिए आपने मतलब आवाज मेरी साफ हो जाए क्योंकि मैं पहले इतना सही आवाज नहीं थी इतना साफ नहीं था इतना स्पष्ट नहीं था फिर पायल जी ने भी मुझे बहुत तो किया जब भी बोलता है ना हम हमारे यहां से नॉर्थ से हम क्या कि हम फास्ट बहुत बोलते हैं शब्दों खा जाते हैं कमी वही थी फिर उन्होंने भी मुझे बोला कि भाई आप फास्ट बोल रहे हो यह सब है कम बात करो ये आराम से बोलो यह चीजें करो तो फिर वो

(35:06) धीरे-धीरे सीखते सीखते फिर एक बार श्याम ब निंगल जी ने मुझे बड़ी अच्छी बात कही एक तीन साल का बच्चा छोड़ दिया बोला अपनी सारी बातें इसको समझाओ तो मैं उस बच्चे से ऐसे बात कर रहा था आप यहां से खड़े हो जाओ तो मतलब समझ रहे हो तो श्याम बेनल साहब बोले कि अब आपको जिंदगी में ऐसी ही बात करनी है तो मतलब यह ओवर द पीरियड यह सब सीखा देखा और चलता रहा बाकी क्या है कि जब मैं मुझे भी नहीं पता मैं इतना पढ़ा लिखा नहीं हूं ना मैं इतनी ज्यादा किताबें पढ़ता एक आधी बार जैसे आपको या किसी को मैं सुन लिया मगर वो उसका उसकी मेर है जब मैं बोलता हूं ना तो मैं दिल से बोलता हूं

(35:45) वो चीज फील करता हूं तो फिर वो कहीं भी जाता हूं वो ठीक हो जाता हैय आपकी बहुत खूबसूरत बात है कि आप दिल से बोलते हो और ये हमेशा नजर आता है जब आपके बारे में मैं वीडियोस देख रहा था तब भी और अब आप सामने बैठे हो तब भी यह चीज बहुत ही बहुत ही खूबसूरत है हर अचीवर की जो जिंदगी है ना वो अपने आप में एक किताब है जिसको हम जितनी बार पढ़े जितना पढ़े उतना सीखने को मिलता है यह एपिसोड एक पार्ट है उस इंटरेक्शन का जो हमारी संग्राम जी के साथ हुई थी अगर आप पूरी वीडियो देखना चाहते हैं तो नीचे आपको माइक्स एंड माइंड चैनल का लिंक मिल जाएगा उस एपिसोड में जो

(36:16) कंप्लीट वीडियो है संग्राम जी ने कई और एक्सपीरियंस से शेयर करे कई और बातें बताई उन्होंने अपने फिटनेस के बारे में कुछ टिप्स दए अपना रूटीन बताया अपनी डाइट बताई आप इस एपिसोड में से क्या सीखने को मिला वो भी नीचे कमेंट्स में जरूर बताना और किन गेस्ट को आप इस एपिसोड्स में देखना चाहते हो वो भी बताना मेरे और गुंजन की माइक्स एंड माइंड में यही कोशिश है कि हम ना यह नहीं चाहते कि आपके साथ कोई सेंसेशन कवर करें किसकी बीवी भागी किसकी लाइफ में क्या अफेयर हुआ हम चाहते हैं रियल वैल्यू प्योर वैल्यू आपको मिले जिन भी लोगों ने लाइफ

(36:48) में कुछ अचीव किया है कंप्लिशन किया है उनकी स्टोरी उनकी नॉलेज उनकी एक्सपर्टीज से चीजें निकालकर आप तक पहुंचाई जाए तो जो प्यार आपने इस चैनल को दिया माइक्स एंड माइंड चैनल को भी वो प्यार देना अगर अभी तक सब्सक्राइब नहीं किया तो नीचे लिंक है क्लिक करके सब्सक्राइब कर लेना मैं और गुंजन इसी तरह से आपके सफर में हम सफर बन के साथ निभाते रहेंगे फिर मिलेंगे अगले वीडियो में तब तक खुश रहिए खुशियां बांटते रहिए आई लव यू ऑल

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